Hamen Duniya Ko Dil Ke Zakhm Dikhlana Nahin Aata | हमें दुनिया को दिल के ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता


Lata: हमें दुनिया को दिल के ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता … (2)
तड़प लेते हैं लेकिन उनको तड़पाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता

Lata: घड़ी भर के लिये भी दूर उनसे रह नहीं सकते
तुम्हें हम चाहते हैं उनसे ये भी कह नहीं सकते
ना जाने क्यूँ ज़ुबाँ पर दिल का अफ़साना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता

Rafi: कोई हालत हो दुनिया प्यार की आबाद रहती है
कभी जब वो नहीं होते तो उनकी याद रहती है
मोहब्बत वो कली है जिसको मुरझाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता

Lata: उमंगें जाग उट्ठी हैं तमन्ना मुस्कराई है
हमारे दिल ने अरमानों की इक महफ़िल सजाई है
ये वो महफ़िल है जिसमें कोई बेगाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता …(2)
तड़प लेते हैं लेकिन उनको तड़पाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता

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